जोशीमठ में कितनी बड़ी तबाही का ख़तरा?
उत्तराखंड के जोशीमठ में तबाही की आशंका:
जोशीमठ:जोशीमठ एक पवित्र शहर है जो उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। समुद्र स्तर से 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह शहर बर्फ से ढकी हिमालय पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है। यह स्थल हिंदू धर्म के लोगों के लिए प्रतिष्ठित जगह है और यहां कई मंदिर भी स्थापित हैं। जोशीमठ, आदि शंकराचार्य द्वारा 8 वीं सदी में स्थापित किए जाने वाले चार मठों में से एक है। यहां हिंदू धर्म के लिखित वेद अथर्ववेद का पाठ, पवित्र माना जाता है। इस शहर को पूर्व काल में कार्तिकेयपुरा के नाम से जाना जाता था। उत्तराखंड आकर जोशीमठ की सैर के लिए अवश्य आना चाहिए। यह जगह कामाप्रयाग क्षेत्र में स्थित है जहां नदी धौलीगंगा और नदी अलकनंदा मिलती हैं। जोशीमठ, चमोली जिले के ऊपरी क्षेत्रों में ट्रैकिंग का अवसर भी प्रदान करता है। क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध ट्रैकिंग मार्ग जोशीमठ से शुरू होते हैं और पर्यटकों को फूलों की घाटी की ओर ले जाते हैं।
क्या ख़ास है जोशीमठ के आस पास :जोशीमठ में कई लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं जहां पर्यटक आराम से सैर कर सकते हैं। इनमें से एक है - कल्पवृक्ष, जो देश का सबसे पुराना पेड़ माना जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, लगभग 1200 पुराने इस वृक्ष के नीचे आदि गुरू शंकराचार्य ने घोर तपस्या की थी। कल्पवृक्ष की परिधि 21.5 मीटर की है। नरसिंह मंदिर, जोशीमठ का अन्य लोकप्रिय मंदिर है, जो हिंदूओं के भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह माना जाता है कि यह मंदिर, संत बद्री नाथ का घर हुआ करता था। इस मंदिर में स्थापित भगवान नरसिंह की प्रसिद्ध मूर्ति दिन प्रति दिन सिकुडती जा रही है। मान्यताओं के अनुसार, एक दिन यह मूर्ति पूर्णत: समाप्त हो जाएगी और उस दिन भयंकर भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ को जाने वाला रास्ता बंद हो जाएगा। जोशीमठ से लगभग 24 किमी. की दूरी पर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क स्थित है जो एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इस पार्क को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ( यूनेस्को ) के द्वारा सन् 1988 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है।
कैसे जाएं जोशीमठ :पर्यटक, जोशीमठ तक वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग के द्वारा आराम से पहुंच सकते हैं। जोशीमठ के लिए नजदीकी एयरपोर्ट जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून और नजदीकी रेल हेड, ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। जोशीमठ जाने का सबसे अच्छा समय जोशीमठ क्षेत्र में सर्दियों के दौरान भयंकर बर्फबारी और मानसून के दौरान मूसलाधार बारिश होती है। जो पर्यटक जोशीमठ आने का शौक रखते हैं उन्हे गर्मियों
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